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धन्यवाद जागरण जंक्शन

सत्यमेव .....
सत्यमेव .....
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Cahappy

जागरण जंक्शन टीम और दैनिक जागरण अखबार को नव वर्ष और दशक की हार्दिक शुभकामनाएं । साथ ही जागरण जंक्शन के सभी बुद्धिजीवी ब्लागर्स को भी नव वर्ष और दशक की हार्दिक शुभकामनाएं । राष्ट्र को समर्पित दुनिया के इस सबसे बड़े अखबार ने जे जे की शक्ल में राष्ट्रभक्तों को एक अनोखा मंच दिया है । आने वाले समय में निश्चित ही भारत को महाशक्ति बनाने वाली वैचारिक क्रांति यहां जन्म लेगी । ऐसा मेरा दृढ़ विश्वास है ।
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कल के जागरण के संपादकीय पृष्ठ पर निगाह गयी तो सबसे ऊपर सर्वश्री ब्रह्मा चेलानी जी थे तो नीचे कोने में, जागरण जंक्शन बॉक्स में मैं भी था । उस पृष्ठ पर जिस पर डेढ दशक से मैं ब्रह्मर्षि भानुप्रताप शुक्ल, स्व0 नरेन्द्र मोहन, एस शंकर, राजीव सचान, ए सूर्यप्रकाश, प्रशांत मिश्र, संजय गुप्ता आदि को पढ़ता आ रहा हूं उस पर अपने आप को भी देखना गौरवान्वित कर गया । औरों के लिये भले ही ये छोटी बात होगी लेकिन मेरे लिये ये बहुत बड़ा सम्मान है । इसके लिये जागरण जंक्शन और जागरण अखबार का मैं हृदय से आभारी हूं ।
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ब्लागिंग की दुनिया में जेजे जैसा मंच और एग्रीगेटर देकर और जागरण अखबार के सम्पादकीय पृष्ठ पर छोटी सी जगह देकर आपने एक क्रांति की नींव रखी है । आज भले ही राष्ट्रभक्तों का यह परिवार छोटा सा है लेकिन एक साल में इतना भी बहुत है । ब्लागिंग की अपनी सीमाएं होती हैं । इंटरनेट अभी भी भारत की एक प्रतिशत आबादी तक नहीं पहुंचा है लेकिन आज ब्लागिंग के प्रति हर बुद्धिजीवी लालायित है । वह अब सिर्फ इसलिये कंप्यूटर सीखना चाहता है ताकि ब्लागिंग कर सके । भारत में करोड़ों बौद्धिक सूर्य ब्लैकहोल में जी रहे हैं । उनको ब्लैक होल से निकलने का एक मात्र सर्वसुलभ और सस्ता रास्ता ब्लागिंग है ।
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ब्लागिंग एक ऐसा माध्यम है जहां सिर्फ तर्क को स्थान मिलता है । यह अभिव्यक्ति का एक सशक्त, बेहतरीन, मुक्त और बहुआयामी माध्यम है । आप यहां कुछ भी कर सकते हैं, कह सकते हैं । यहां किसी सेंसरशिप की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यहॉं एक स्वचालित सेंसरशिप है – सुधर जाओ, नहीं तो अलग थलग पड़ जाओगे । यहां ब्लागर्स पर कोयी रोक टोक नहीं है । न कोयी संपादक है और न ही कोयी डंडा लिये पुलिसिया हवलदार । आप कुछ भी रचने के लिये, दुनिया को नया बताने के लिये,  दिखाने के लिये, सुनाने के लिये, नये नये विषयों पर बहस करने के लिये स्वतंत्र हैं । अभिव्यक्ति के कई माध्यम मौजूद है या आप सभी का एक साथ इस्तेमाल कर सकते हैं । न सिर्फ टैक्स्ट में बल्कि आप पिक्चर्स, आडियो, एनिमेशन, पावर पाइंट प्रेशेन्टेशन और वीडियो, किसी में भी अपने आप को अभिव्यक्त कर सकते हैं । अभिव्यक्ति के सभी आयामों में एक साथ अभिव्यक्त करने की आजादी और अबाध शक्ति आपको सिर्फ ब्लागिंग देता है ।

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ब्लागिंग एक विधा है तो साथ ही साहित्य सृजन का एक माध्यम भी। यह पत्रकारिता के लिये एक नया पैना, धारदार हथियार है तो राष्ट्रीय-अतंर्राष्ट्रीय विषयों पर बहस के लिये एक चायघर या कॉफीहाउस भी । अगल-बगल, आस-पड़ोस, घर-परिवार, नौकरी-धंधा, बीवी- गर्लफै्रण्ड, चुटकुले-शायरी, खाना-नाचना, यानी की पूरी दुनिया ही इस वर्चुअल वर्ल्ड में समायी हुयी है ।  इसकी अपनी न कोयी भाषा है और न ही व्याकरण । आप अपने आप को व्यक्त करने के लिये हर भाषा में स्वतंत्र हैं और व्याकरण के नियमों से भी थोड़ी बहुत छूट ले सकते हैं ।
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ज्ञान का भण्डार खुला है सदैव के लिये । ज्ञान लीजिये और बांटिये । नेट पर जहां एक

विकीपीडिया जैसे इन्साइक्लोपीडिया मौजूद हैं तो सत्यशोधक विकीलीक्स भी हैं । आपके द्वारा रचा गया सूचना का संसार नेट पर सुरक्षित रहेगा हमेशा के लिये और सभी के लिये । आप समय की रेत पर देर तक न मिटने वाले निशान छोड़ सकते हैं । सूचना की गंगा पृथ्वी पर अपने पूरे प्रवाह के साथ प्रवाहित हो रही है । इस गंगा में नहाईये और सत्यरूपी पुण्यलाभ भी अर्जित करिये ।

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आप ब्लाग लिखने के लिये पूर्णतः स्वतंत्र हैं लेकिन एक मात्र जागरण जंक्शन है जो न सिर्फ आपको ब्लागिंग के लिये मंच देता है बल्कि साथ ही यह एक एग्रीगेटर का भी काम करता है और आपको प्रिंट मीडिया में जाने के लिये भी एक सुराख देता है । जेजे अभी अपनी शैशवास्था में है लेकिन मेरी अभिलाषा है कि एक दिन यह लोकतंत्र को मजबूत करने वाले विशाल स्तंभ के रूप में जाना जाये । इसके लिये इसे  समय समय पर कुछ सुधार करने होंगे । कुछ सुझाव देना चाहूंगा जैसे दूसरे सर्वर्स की तरह ब्लॉग को सुंदर बनाने के लिये कुछ गेजेट/विजेट देने होंगे । जागरण अखबार में सप्ताह में एक दिन चुनिंदा ब्लाग्स पर एक या दो पृष्ठ देने से लोगों में ब्लागिंग के प्रति आकषर्ण भी बढ़ेगा और जे जे का परिवार भी ।
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जिस तरह दैनिक जागरण एक अखबार का नाम नहीं एक संस्कृति और विचारधारा का

भी नाम है उसी तरह जागरण जंक्शन परिवार उस संस्कृति और विचारधारा को जीने वाला एक छोटा सा समूह है। हम सब की इच्छा है कि हिंदी, हिंदू(सिंधु नदी के दूसरी तरफ रहने वालों को रोम और मिस्र के लोग हजारों साल पहले इसी नाम से पुकारते थे । माननीय सुप्रीम कोर्ट के एक महत्वपूर्ण निर्णय के अनुसार हिंदू धर्म एक लाईफ स्टाईल है) और हिंदुस्तान की यह राष्ट्रवादी विचारधारा पुष्पित पल्लवित हो और भारत को विश्व की सर्वोच्चशक्ति बना दे । जय भारत, जय भारती ।

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